
Why Microsoft allowed Piracy in India
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की पायरेसी (Piracy) क्यों नहीं रोकता है ? Why Microsoft allowed Piracy in India
दोस्तों आपने कभी भी पहला कंप्यूटर या लैपटॉप चलाया होगा तो उसमें आपको माइक्रोसॉफ्ट विंडोज का ही ऑपरेटिंग सिस्टम बार बार देखने को मिला होगा । चाहे आप विंडोज XP ले लो या विंडोज 8 या विंडोज 10 ले लो | लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा की माइक्रोसॉफ्ट इतनी बड़ी कंपनी हो के भी पायरेसी क्यों नहीं रोक पा रही है । जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम हमें इनकी वेबसाइट पर 9000 – 10000 रुपये में मिल रहा है उसी विंडोज की CD बाजार में 100 – 200 रुपये की मिल जाती है ऐसा क्यों ?
देखिये माइक्रोसॉफ्ट चाहे तो एक ही झटके में जितने भी कंप्यूटर में पायरेटेड विंडोज है उन सभी को बंद कर दे लेकिन ये ऐसा करती नहीं है इसके पीछे एक बहुत बड़ा राज है | देखो बचपन से हमने जिस स्कूल में पढ़ाई की और फिर कॉलेज में और जिस इंस्टिट्यूट में पढ़ाई की हर जगह हमें विंडोज का ही ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने के लिए मिला । मतलब विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाने के लिए हमें किसी से स्पेशल ट्रेनिंग की जरुरत नहीं पड़ी ।
माइक्रोसॉफ्ट यही चाहता है की आप फ्री में इसका इस्तेमाल करना सीख जाओ इसके एडिक्ट हो जाओ इसके आदी हो जाओ । इसके बाद जब आप किसी दूसरे वातावरण में जाओ जैसे की आप अपना खुद का ऑफिस खोलो या कहीं पर नौकरी करो तो आप माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की ही डिमांड करो । अब डिमांड भी आप उसी की करोगे जिसे आपको अच्छे से चलाना आता होगा । तब माइक्रोसॉफ्ट आपसे कहेगा की आपको Enterprise Version खरीदना पड़ेगा और अगर कोई कॉलेज या स्कूल है तो उनसे Lump-Sum अमाउंट लेते है । बाकि अगर किसी ऑफिस या कॉलेज में Pirated Version का इस्तेमाल हो रहा होगा तो ये लोग वहाँ पर छापा मारते हैं और एक बहुत बड़ा बिल बना देते हैं । तो ऐसे माइक्रोसॉफ्ट की कमाई होती है ।
इक्रोसॉफ्ट यही चाहता है की दुनिया भर में जितने भी लोग हैं सभी विंडोज का फ्री में इस्तेमाल करना सीख जाएं इसके Addict हो जाएं used to हो जाएं जैसे स्मोकिंग के होते हैं । इसके बाद ये लोग जहाँ भी काम करेंगे या ऑफिस खोलेंगे वहां पर ये लोग विंडोज की डिमांड करेंगे क्यूंकि दूसरा ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे की Linux या Mac चलाने के लिए इसकी ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी पैसा खर्च करना पड़ेगा लेकिन जिस ऑपरेटिंग सिस्टम को आपने बचपन से चलाया हो आप तो उसकी ही डिमांड करोगे ।
चीन में हर साल लाखों कंप्यूटर और लैपटॉप बनते हैं | जितने लैपटॉप बन रहे हैं जितने कंप्यूटर बन रहे हैं सब में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ही इनस्टॉल किया जाता है लेकिन ये लोग इसका crack or hacked version इनस्टॉल करते है और माइक्रोसॉफ्ट को एक पैसा भी नहीं मिलता है, माइक्रोसॉफ्ट इस बात को अच्छे से जानता है और भैया माइक्रोसॉफ्ट चाहता भी यही है की यह फ्री में यूज हो इससे इनको फ्री में मार्केटिंग मिलेगी फ्री के लोग इसको चलाना सीखेंगे आगे जाकर डिमांड करेंगे और जहां पर डिमांड करेंगे वहां पर माइक्रोसॉफ्ट अच्छा खासा पैसा कमा लेगा |
तो भैया बिल गेट्स की थिंकिंग यह है कि अगर आप माइक्रोसॉफ्ट का प्रोडक्ट यूज कर रहे हो जैसे की विंडो 7 विंडोज 10 या windows XP तो बेटा चला लो 5 – 10 साल बाद आप उस विंडोज को खरीदोगे क्यूंकि बिना विंडोज के आपका काम नहीं चलने वाला | चलिए मैं आप से पूछता हूँ जो आप लैपटॉप या कंप्यूटर खरीदते हैं क्या आप विंडोज के पैसा देते हैं ? नहीं न मतलब आप पायरेटेड विंडोज ही चलाते हैं |
ऐसा मत सोचिए कि माइक्रोसॉफ्ट पायरेसी नहीं रोक सकता भैया बड़ी बड़ी टेक्नोलॉजी है चाहे तो एक झटके में बिना पैसे के कुछ भी ना दिखाया जाए | माइक्रोसॉफ्ट ऐसा इसलिए नहीं कर रहा है क्यूंकि अगर माइक्रोसॉफ्ट ने ऐसा कर दिया तो Linux और भी बड़ा हो जाएगा और MAC भी बड़ा हो जाएगा | और अगर लोग दूसरा ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने लग गए तो माइक्रोसॉफ्ट खत्म हो जाएगा |
माइक्रोसॉफ्ट इसलिए सबसे ज्यादा यूज़ किया जाता है क्यूंकि ये हमें फ्री में मिल जाता है और फ्री की वजह से ही माइक्रोसॉफ्ट सबसे बड़ी कंपनी है | आज अगर किसी 9th या 10th क्लास के बच्चे को विंडोज कंप्यूटर दे दो वो चला लेगा लेकिन अगर आज उसको Mac दे दो या Linux का कोई भी वर्जन दे दो तो वो अपना सर खुजायेगा और उससे भागेगा वह घूम फिर के माइक्रोसॉफ्ट पर वापस आ जाएगा | इसी का फायदा बिलगेट्स उठा रहा है | हमारे स्कूल में हम माइक्रोसॉफ्ट ही सीखते हैं कोई Linux या Mac नहीं सिखाता और हम लोग घर में Linux नहीं चलाते हैं क्योंकि हमको तो आता ही नहीं और जो चीज हमें चलाना ही नहीं आता तो हम इनस्टॉल क्यों करेंगे | उम्मीद है आपको इस पोस्ट के माध्यम से ये समझ में आ गया होगा की माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की पायरेसी क्यों नहीं रोकता है |